सूर्य की महादशा का फल
सूर्य की महादशा में सूर्य की अंतर्दशा
१. सूर्य की महादशा में सूर्य की अंतर्दशा में राजा से अधिक यश मिले धनागमन हो धन का आगमन हो जव्वार हो और पिता से वियोग का भय हो सूर्य अच्छा हो तो अच्छा फ लीजिये सूर्य दुर्बल हो तो अनिष्ट फल की प्राप्त होगी
सूर्य की महादशा में चंद्र अंतर्दशा
२. सूर्य की महादशा में चंद्र की अंतर्दशा का फल जातक अपने शत्रुओ का नाश करे अधिक आकृष्ट के कष्टों की। हो मित्रो की पूरी सहायता मिले धन का आगमन ही भवन का निर्माण हो यदि चन्द्रमा नीच का है तो जातक को छाय रोग हो जल से उत्पन होने वाले रोग हो अग्नि का भय हो।
सूर्य की महादशा में मंगल की अंतर्दशा
३. सूर्य की महादशा मंगल की अन्तर्दशा का फल जातक बीमार पड़े शत्रु से पीड़ा हो अपने परिवार से झगड़ा हो. प्रशाशन का भय हो चोट लगने का हो यदि सूर्य मंगल सही स्थित तो फल अच्छा मिलेगा।
सूर्य की महादशा में राहु की अंतर्दशा
४. सूर्य की महादशा में राहु की अंतर का फल शत्रु का उदय हो। धन का नाश हो। दुश्मनी बडे जातक के सिर में पीड़ा हो नेत्र रोग हो मन सांसारिक भोग की और आकृष्ट हो।
सूर्य की महादशा में बृहस्पति की अंतर्दशा
५. सूर्य की महादशा में बृहस्पति का फल शत्रो का नाश हो नाना प्रकार से धन का आगमन हो पूजापाठ में मन लगातीनो को रहे गुरुओ और बंधुओ का सत्कार हो कण में पीड़ा हो औरखा गया है छै संबधित रोग हो। यह कष्ट तब होगा जब बर्हस्पति मारक हो.
सूर्य की महादशा में शनि की अंतर्दशा
६. सूर्य की दशा में शनि की अन्तर्दशा का फल धन का नाश हो पुत्र से वियोग हो स्त्री को रोग हो किसी गुरु जन की मृत्यु हो (गुरु पिता चाचा आदि ) कफ रोग से पीड़ा हो सूर्य पित्त का स्वामी है और शनिफल का इस लिएवात पीड़ा की भी सम्भावनाहो सकती है।
सूर्य की महादशा में बुध की अंतर्दशा
७. सूर्य की महादशा में बुध की अन्तर्दशा का फल कुष्ठ रोग फोड़े फुंसी चार्म रोगबीमार पड़े आदि हो कमर में पेट में दर्द हो और वात कफ ें तीनो के विकार से शरीर में रोग हो बुध वात पित्त कफ का स्वामी है इस कारन तीनो दोषो से रोग का कारन बनता ह।
सूर्य की महादशा में केतु की अंतर्दशा
८. सूर्य की महादशा में केतु का फल किसी मित्र की हो या मित्रता छोड़ दे अपने आदमियों और परिवार विग्रह हो शत्रु से भय हो धन का नाश हो (चोरी या कोई अन्य प्रकार से ) किसी गुरुजन को बीमारी हो जातक के पैर तथा सिर में दर्द हो सूर्य और केतु पस्पर शत्रु है इस कारन दुष्ट कहा गया है।
सूर्य की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा
९. सूर्य की महादशा में शुक्र का फल सिर में पीड़ा पेट में रोग गुदा में पीड़ा हो. खेती बाड़ी के काम मकान धन और अन्न में कमी हो बच्चे बीमार हो और स्त्र।