20/06/2023

नक्षत्र - फल

 


                                                          नक्षत्र-- फल

1  अश्विनी


नक्षत्र - अश्विनी , नक्षत्र देवता - अश्विनीकुमार , नक्षत्र स्वामी - केतु  ,  नक्षत्र  पूज्य वृक्ष - वत्सनाग  ,नक्षत्र ऐच्छिक 

वृक्ष - अडोसा ( अडूसा ) , नक्षत्र चरणाक्षर - चु, चे, चो, ला ४ चरण मेष राशी में  , नक्षत्र प्राणी- घोडा नक्षत्र तत्व - 

वायु , नक्षत्र गण- देव ,  नक्षत्र स्वभाव – मृदु. अश्विनी नक्षत्र में जन्म हुए मनुष्य के गुण:- अलंकार प्रेमी , सुंदर, 

मनोहर -जिनको देखनेसे मन प्रसन्न हो, समर्थ, और बुद्धिमान होते हैअश्विनी से जुड़े व्यवसाय:-  प्रेरक प्रशिक्षक, 

अभियान प्रबंधक,  एथलीट, खेल से संबंधित व्यवसाय, हवाई जहाज/ ऑटो / नाव / घोड़ा दौड़ी , सैन्य, कानून 

प्रवर्तन, इंजीनियरिंग, जौहरी, चिकित्सा व्यवसाय, फार्मासिस्ट,  सलाहकार , औषधि माहिर, शारीरिक रूप से 

साहसी क्षेत्र में कला प्रदर्शन , अन्वेषक, शोधकर्ता, और माली.


२  भरणी


नक्षत्र -भरणी ,  नक्षत्र देवता - यमाद्य पितर, नक्षत्र स्वामी -शुक्र, नक्षत्र आराध्य वृक्ष - आंवला, नक्षत्र ऐच्छिक  वृक्ष- 

काला कत्था ,  राशी व्याप्ती - ली, लु, ले, लो  ४ चरण मेष राशी में ,  नक्षत्र प्राणी - हाथी ,  नक्षत्र तत्व - अग्नी, नक्षत्र 

स्वभाव –क्रूर , नक्षत्र गण- मनुष्य. भरणी नक्षत्र में पैदा हुए मनुष्य के गुण:- कार्य करनेकी क्षमता रखनेवाले , सत्य 

का मार्ग अपनानेवाले या सत्य बोलनेवले, निरोगी, चतुर और सुखी.भरणी नक्षत्र से जुड़े व्यवसाय :- बच्चे से जुडी 

(शिक्षण, बच्चे की देखभाल, आदि), स्त्री रोग विशेषज्ञ, दाई, प्रजनन विशेषज्ञ, ताबूत बनानेवाला, संपत्ति सलाहकार, 

हत्या जासूसी, लेखक, अंतिम संस्कार सेवाओं के साथ जुड़े क्षेत्र,  मनोरंजन, मॉडल, विदेशी या यौनकर्मियों से जुड़े ,  

न्यायाधीश, होटल उद्योग, खानपान, पशु चिकित्सक, आग सेनानी, सर्जन, फोटोग्राफर, चरम गोपनीयता, 

भूभौतिकी, भूकंप और ज्वालामुखी  


३ कृतिका


नक्षत्र-  कृतिका , नक्षत्र देवता – अग्नी  , नक्षत्र स्वामी – रवि  , नक्षत्र पूजनीय वृक्ष - गूलर (औदुंबर) ,नक्षत्र ऐच्छिक  

वृक्ष – बहेड़ा , राशी व्याप्ती – अ, १ चरण मेष राशि में . ई, ऊ, ऐ ३ चरण वृषभ राशी मेंनक्षत्र प्राणी- बकरी  ,  नक्षत्र 

तत्व –अग्नी  , नक्षत्र गण- राक्षस,  नक्षत्र स्वभाव – क्रूर.कृत्तिका नक्षत्र में जन्म लेनेवालोंके गुण:- अधिकतर भोजन में 

रूचि रखनेवाले , तेजस्वी और  जीवन में तरक्की के आसमान को छूते है.कृत्तिका नक्षत्र से जुड़े व्यवसाय :-  

प्राधिकारी या प्रबंधन की स्थिति, जनरल, आलोचक, अध्यापक, विश्वविद्यालय व्यवसाय, वकील, तकनीकी

व्यवसाय, चाकू या तलवार, तलवारबाजी, आर्चर, लोहार, जौहरी, सर्जन, विस्फोटक या आग से जुड़े व्यवसायों के 

रूप में तेज वस्तुओं से संबंधित किसी भी क्षेत्र से , आग सेनानी, पुलिस, सेना, खनिक, पुनर्वास विशेषज्ञ, प्रेरक ट्रेनर, 

मिट्टी के बरतन, आध्यात्मिक शिक्षक, हेयर स्टाइलिस्ट, दर्जी, और अनाथालय के लिए काम करना.


४  रोहिणी


नक्षत्र- रोहिणी , नक्षत्र देवता –ब्रम्हा  , नक्षत्र स्वामी – चंद्र , नक्षत्र पूजनीय वृक्ष -काला जामुन ( जांभळ)  नक्षत्र 

ऐच्छिक वृक्ष- बेल  , राशी व्याप्ती -  ओ, वा, वि, वू ४ चरण वृषभ राशी में , नक्षत्र प्राणी- सांप ,नक्षत्र तत्व- पृथ्वी ,  

नक्षत्र गण- मनुष्य  ,  नक्षत्र स्वभाव- मृदु. रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेनेवालोंके गुण:- साफ-सफाई में ध्यान देनेवाले,

 सच बोलना पसंद करनेवाले, स्थिर बुद्धिवाले, मधुर भाषण करनेवाले और सुन्दर दिखनेवाले !रोहिणी नक्षत्र 

से जुडी वृत्ति :- कृषि, धान्य प्रसंस्करण, वनस्पति, वैद्य, कलाकार, संगीतकार, मनोरंजन उद्योग, कॉस्मेटिक उद्योग, 

जौहरी, रत्न व्यापारी, इंटीरियर डेकोरेटर, बैंकर, परिवहन व्यवसाय, पर्यटन, ऑटोमोबाइल उद्योग, तेल और 

पेट्रोलियम, वस्त्र उद्योग, शिपिंग उद्योग, पैकेजिंग और वितरण, और किसी भी जलीय उत्पादों और तरल पदार्थ के 

साथ जुड़ा हुआ पेशा !


5  मृगशीर्ष


नक्षत्र-  मृगशीर्ष ,  नक्षत्र देवता- चंद्र  , नक्षत्र स्वामी-  मंगळ  , नक्षत्र पूजनीय वृक्ष - काला कत्था , नक्षत्र ऐच्छिक

 वृक्ष- पीपल  , राशी व्याप्ती - वे, वो, २ चरण वृषभ राशी में , का, की २ चरण मिथुन राशी में ,  नक्षत्र प्राणी – सांप  , 

नक्षत्र तत्व- वायु  , नक्षत्र गण- देव , नक्षत्र स्वभाव- मृदु.मृगशीर्ष नक्षत्र वाले मनुष्य के गुण:-  चतुर-चपल, उमंग से 

भरपूर, धनि, और सुख का भोग लेनेवाले. मृगशीर्ष नक्षत्र से सम्बंधित कार्य :-  कलाकार के  गायक, संगीतकार, 

लेखक, कवि, चित्रकार, दार्शनिक, रत्न उद्योग, उत्पाद या सामग्री पृथ्वी से संबंधित, भूमि अभिवृद्धि, सर्वेक्षक, यात्रि, 

खोजकर्ता, इमारत ठेकेदार, व्यापार मशीनरी या इलेक्ट्रॉनिक्स से संबंधित, पशु चिकित्सक, पालतू जानवरों से 

संबंधित, फैशन और वस्त्र  उद्योग, बिक्री प्रतिनिधि, विज्ञापन प्रसारक, शासन प्रबंध,  ज्योतिषि, शिक्षक की वृत्ति.


६ आर्द्रा


नक्षत्र –आर्द्रा, नक्षत्र देवता - रुद्र (शिव) , नक्षत्र स्वामी – राहु, नक्षत्र आराध्य वृक्ष - पिप्पली ( लम्बी काली मिर्च)नक्षत्र 

पर्यायी वृक्ष – चंदन, नक्षत्र चरणाक्षर - कु,ख,ञ,छ. नक्षत्र प्राणी- कुत्ता, नक्षत्र तत्व- जल, नक्षत्र स्वभाव – तीक्ष्ण, 

नक्षत्र गण- मनुष्य. जन्म नक्षत्र  फल:- जो अहंकार दिखाता हो, मदत करनेवालोंको भुला देनेवाला, हिंसा प्रेमी, और 

पाप कर्म करने वाला. नक्षत्र से जुडी वृत्ति:- शारीरिक श्रम से जुड़े काम,  इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर 

इंजीनियर, बिजली इंजीनियर, ध्वनि तकनीशियन,  इलेक्ट्रॉनिक संगीत, वीडियो गेम डेवलपर, विशेष प्रभाव और 3-

डी प्रौद्योगिकी, विज्ञान कथा लेखक, भाषाकोविद, चित्रकार , दार्शनिक, भौतिक विज्ञानी, शोधकर्ता, सर्जन, 

फार्मासिस्ट, परमाणु ऊर्जा उद्योग, मनोचिकित्सक, न्यूरोलॉजिस्ट के साथ काम करता है; जासूसी,  बिक्री विशेषज्ञ, 

विश्लेषक, राजनेता, चोर, शतरंज खिलाड़ी आदि विषयों का ज्ञाता.


७ पुनर्वसु


नक्षत्र- पुनर्वसु, नक्षत्र देवता- अदिती, नक्षत्र स्वामी- गुरू, नक्षत्र आराध्य वृक्ष – बांस, नक्षत्र पर्यायी वृक्ष- बरगदनक्षत्र 

चरणाक्षर- के,को,हा, ही, नक्षत्र प्राणी- बिल्ली, नक्षत्र तत्व- वायु,  नक्षत्र स्वभाव- सत्व, नक्षत्र गण- देव. जन्म नक्षत्र 

फल:- सुखी, सुशिल, दमनशील, अल्प मेधावी, रोंगो से पीड़ित , अधिक प्यासा, और अल्प संतोषी( थोड़ा

 मिलनेसेहि सतुंष्ट होनेवाला). नक्षत्र से जुडी वृत्तियाँ:- पर्यटन, यात्रा उद्योग, होटल प्रबंधक , व्यापार उद्योग,  निर्माण, 

वास्तुकला, सिविल इंजीनियर्स, वैज्ञानिक, अध्यापक, लेखक, गूढ़ अध्ययन, दार्शनिक, मंत्रि, इतिहासकार, प्राचीन 

वस्तु का  व्यापारि, समाचार पत्र उद्योग, मकान मालिक, अंतरिक्ष यात्री, कोरियर, कारीगर, नवीन आविष्कार, 

तीरंदाजी, इनको अधिक तर अपने हाथों का उपयोग की आवश्यकता होती है.


८ पुष्य


नक्षत्र- पुष्य, नक्षत्र देवता- गुरु, नक्षत्र स्वामी- शनि, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- पीपल,नक्षत्र पर्यायी वृक्ष- अंजीरनक्षत्र 

चरणाक्षर- हु, हे, हो, डा, नक्षत्र प्राणी- बकरी, नक्षत्र तत्व- अग्नी, नक्षत्र स्वभाव- शुभ, नक्षत्र गण- देवजन्म नक्षत्र 

फल:- जिनका मन सदा शांत रहता हो, महाज्ञानी, धनिक, सदा धर्म के मार्ग का अनुसरण करनेवाले और सुन्दर 

होते है.नक्षत्र से जुडी वृत्तियाँ:- राजनेता, रईस, खानपान, खाद्य या पेय उद्योग, परिचारिक, डेयरी उद्योग, 

सलाहकार, मनोवैज्ञानिक, पादरी, पुजारि, पंडित,आध्यात्मिक सलाहकार, दान कार्यकर्ता, शिक्षक, बच्चे की 

देखभाल पेशेवर, कारीगर, अचल संपत्ति में व्यवसाय, किसान, पानी से संबंधित उद्योग, व्यापार रूढ़िवादी या 

पारंपरिक धर्मों से संबंधित कार्य में कुशल.



9 आश्लेषा


नक्षत्र- आश्लेषा, नक्षत्र देवता- सांप , नक्षत्र स्वामी - बुध, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- नागकेसर ( लाल) , नक्षत्र पर्यायी वृक्ष 

-उंडी , नक्षत्र चरणाक्षर - डि,डू,डे,डो, नक्षत्र प्राणी- बिल्ली , नक्षत्र तत्व - जल , नक्षत्र स्वभाव- तीक्ष्ण  नक्षत्र गण- 

राक्षस. नक्षत्र जन्मफल:- जिद्दी स्वाभववला, अधिक आशावादी, पापकर्म निरत, और कृतघ्न , मदतगार को 

भूलनेवला.

विशेष:- इस नक्षत्र में जन्म लेनेवाले मनुष्य की नक्षत्र शांति पूजा करना अनिवार्य है.

नक्षत्र से जुडी वृत्ति - केमिस्ट या रासायनिक इंजीनियर, व्यवसाय जहर या खतरनाक सामग्री, पेट्रोलियम उद्योग, 

दवा उद्योग, ड्रग डीलर, तंबाकू उद्योग, चोर, गबन, वयस्क मनोरंजन उद्योग, सरीसृप, सपेरा, सर्जन, गुप्त  

आपरेशन-सर्विस, वकीलों के साथ काम करना, राजनीतिज्ञ सलाहकार, मनोवैज्ञानिक, कृत्रिम निद्रावस्था में 

लानेवाला, योग प्रशिक्षक, और नीमहकीम.


10 मघा


नक्षत्र- मघा, नक्षत्र देवता- पितर, नक्षत्र स्वामी- केतु, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- बरगद  , नक्षत्र पर्यायी वृक्ष- रिठानक्षत्र 

चरणाक्षर- मा,मि,मू,मे, नक्षत्र प्राणी- चूहा , नक्षत्र तत्व- अग्नी , नक्षत्र स्वभाव- क्रूर , नक्षत्र गण- राक्षसनक्षत्र जन्मफल 

:- दो से ज्यादा भाई-बहन के साथ रहनेवाला, धनिक, हर तरह के भोग भोगनेवाला, भगवान और माता-पिता की 

भक्ति करनेवाला, सदा उत्साह से भरपूर. नक्षत्र से जुडी वृत्ति:- प्रबंधक, कार्यकारी अधिकारी,अध्यक्ष, प्रशासन, 

रॉयल्टी, सरकारी अधिकारी, कथा लेखक, नौकरशाह, रईस, वकील, न्यायाधीश, रेफरी, राजनीतिज्ञ, लाइब्रेरियन, 

वक्ता, इतिहासकार, संग्रहालय में पदवी, एंटीक डीलर, पुरातत्व विद्वान जेनेटिक इंजीनियर, प्राचीन संस्कृति का 

शोध कर्ता, दस्तावेजीकरण  कलाकार, वक्ता, तांत्रिक.


11 पुर्वा (फाल्गुनी)


नक्षत्र- पुर्वा (फाल्गुनी) , नक्षत्र देवता -  भग ,  नक्षत्र स्वामी – शुक्र, नक्षत्र आराध्य वृक्ष - पलाश (पळस)नक्षत्र पर्यायी 

वृक्ष- बेल, नक्षत्र चरणाक्षर - मो,टा,टी,टु,  नक्षत्र प्राणी- चूहा , नक्षत्र तत्व- क्रुर, नक्षत्र स्वभाव - सत्वनक्षत्र गण- मनुष्य 

नक्षत्र जन्मफल:- सदा प्रिय वचन बोलनेवाला, दान-धर्म करनेवाला, आकर्षक व्यक्तित्व , यात्रा प्रेमी और राज सेवक 

( उच्च स्थान का सेवक ) नक्षत्र से जुडी वृत्तियाँ:-  कार्यकारी, सरकारी अधिकारी,मनोरंजन, मेकअप कलाकार, 

मॉडल, फोटोग्राफर, चित्रकार, कला संग्रहालय या गैलरी, संगीतकार, शिक्षक, रत्न व्यापारी, शारीरिक फिटनेस 

ट्रेनर, इंटीरियर डेकोरेटर, महिला के उत्पादों के साथ काम करते हैं, गुप्त -चिकित्सक, नींद चिकित्सक, 

जीवविज्ञानी, पर्यटन, कपास और रेशम उद्योग.


12 उत्तरा (फाल्गुनी)


नक्षत्र- उत्तरा (फाल्गुनी) , नक्षत्र देवता-  अर्यमा , नक्षत्र स्वामी-  रवि, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- पिंपरी( प्लक्ष )नक्षत्र पर्यायी 

वृक्ष - श्वेत कनेर , नक्षत्र चरणाक्षर -  टे,टो,पा,पी, नक्षत्र प्राणी- गाय , नक्षत्र तत्व – वायु,      नक्षत्र स्वभाव-  सत्व , 

नक्षत्र गण- मनुष्य नक्षत्र जन्मफल:- दिखनेमें सुन्दर, अपनी विद्या से धन कमानेवाला, भोगी, और सुखोंका अनुभोग 

लेनेवाला. नक्षत्र से जुडी वृत्ति:- मनोरंजन, संगीतकार, कलाकार, प्रबंधक, नेता, सार्वजनिक आंकड़ा, खेल 

सुपरस्टार, संगठन के प्रमुख, शिक्षक, उपदेशक, परोपकारि, शादी सलाहकार, संयुक्त राष्ट्र के साथ काम, 

राजनायक, संस्थापक, बैंकर, लेनदार, सामाजिक कार्यकर्ता, सलाहकार , कमांडर.


१३ हस्त


नक्षत्र- हस्त, नक्षत्र देवता- सुर्य, नक्षत्र स्वामी- चंद्र, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- चमेली , नक्षत्र पर्याय वृक्ष- रिठानक्षत्र 

चरणाक्षर- पू,ष,ण,ठ , नक्षत्र प्राणी- भैंस , नक्षत्र तत्व- वायु, नक्षत्र स्वभाव- रज  , नक्षत्र गण- देवनक्षत्र जन्मफल:- 

उमंग से भरपूर, धैर्यवान, जो पेय- जल से सम्बंधित वस्तु का प्रेमी, दयावान, और कालांतरसे बुद्धि में बदलाव आने 

से चोरी का मार्ग अपनानेवाला.नक्षत्र से जुड़े व्यवसाय:-  कारीगर, यांत्रिकी, गहने निर्मात विशेषज्ञ, शारीरिक श्रम, 

कसरत, सर्कस कलाकार, आविष्कारक, प्रकाशक, प्रिंटिंग उद्योग, कार्ड डीलर, जुआरी,बैंकर, लेखाकार, 

टाइपिस्ट  क्लीनर, नौकरानी, मालिश, रासायनिक उद्योग, वस्त्र उद्योग, टैरो कार्ड पाठक,ज्योतिषी, नीलामकर्ता, 

मिट्टी के बरतन कर्ता, इंटीरियर डेकोरेटर, माली, खाद्य उत्पादन, नावी, मूर्तिकार, पेशेवर हास्य अभिनेता, भाषण 

चिकित्सक, परीक्षण कलाकार, जादूगर और चोरी में माहिर.



१४  चित्रा


नक्षत्र- चित्रा, नक्षत्र देवता- त्वष्टा , नक्षत्र स्वामी- मंगळ, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- बेल , नक्षत्र पर्याय वृक्ष- बकूलनक्षत्र 

प्राणी- बाघ , नक्षत्र तत्व- वायु,  नक्षत्र स्वभाव- तीक्ष्ण ( तम),  नक्षत्र चरणाक्षर- पे,पो,रा,री,

नक्षत्र गण- राक्षस

नक्षत्र जन्मफल:- अधिक रंग-बेरंगी कपड़े, आभूषण, सजावट के वस्तु पहनना पसंद करनेवाला या पहननेवाला, 

बड़े तेजस्वी आँखे और सुंदर दिखने वाला.

नक्षत्र से जुडी वृत्ति:- आर्किटेक्ट, डिजाइनर, मूर्तिकार, कारीगर, फैशन डिजाइनर, कॉस्मेटिक डिजाइनर,

 प्लास्टिक सर्जन, फोटोग्राफर, ग्राफिक कलाकार, संगीतकार, प्रसारक, इंटीरियर डिजाइनर, गहने डिजाइनर,

 फेंग शुई विशेषज्ञ, आविष्कारक, मशीनरी के उत्पादन का व्यापारी, बिल्डर, चित्रकार , पटकथा लेखक, सेट 

डिजाइनर, कला निर्देशक, थिएटर कलाकार, झांज संगीतकार, औषधि माहिर, विज्ञापन, बहुमुखी प्रतिभाशाली.


१५ स्वाती


नक्षत्र- स्वाती , नक्षत्र देवता- वायु ,  नक्षत्र स्वामी- राहु, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- अर्जुन ,  नक्षत्र पर्याय वृक्ष- जरुलनक्षत्र 

चरणाक्षर- रू,रे,रो,ता .  नक्षत्र प्राणी- भैंसा ,  नक्षत्र तत्व- अग्नी ,  नक्षत्र स्वभाव- सत्व ,  नक्षत्र गण- देव नक्षत्र 

जन्मफल:- दमनशील इंद्रिय निग्रह रखनेवाला मेहनती व्यापारी, कृपा का पात्र धर्म का आचरण करके प्रिय वचन से 

सब का मन प्रसन्न करने वाला. नक्षत्र से जुडी वृत्तियाँ:-  व्यवसाय और व्यापार, खेल, गायक, संगीतकार, हवा 

उपकरण, अन्वेषक, स्वतंत्र उद्यमी, पायलट,शोधकर्ता, सेवा व्यवसाय, सॉफ्टवेयर उद्योग, चरम खेल, शिक्षक, 

राजदूत, वकील, न्यायाधीश, राजनीतिज्ञ, संघ के नेता, राजनयिक परिचारिक, योग प्रशिक्षक, से जुड़े काम में 

दिलचस्पी रखने वाले.


१६ विशाखा


नक्षत्र- विशाखा, नक्षत्र देवता- इंद्राग्नी ,  नक्षत्र स्वामी- गुरू , नक्षत्र आराध्य वृक्ष- बबूल ( नागकेशर )  नक्षत्र पर्याय 

वृक्ष- पारिजात, नक्षत्र गण- राक्षस,  नक्षत्र प्राणी- बाघ , नक्षत्र चरणाक्षर- ती,तो,ते,तू .    नक्षत्र तत्व-  वायु,   नक्षत्र 

स्वभाव- रज. नक्षत्र जन्मफल:- द्वेषी जो दूसरे पर जलने वाला, लोभी, परन्तु तेजस्वी, बोलने में समर्थ वाग्मी, हरबात 

पर जघडनेवाला. नक्षत्र से जुड़े काम और व्यवसाय:- शोधकर्ता, वैज्ञानिक, सैनिक, सैन्य नेता, लेखक, राजनेता, 

वकील, सार्वजनिक वक्ता,  आव्रजन अधिकारि, पुलिस गार्ड, मजदूर, फैशन मॉडल, भाषण (प्रसारक) से जुड़े 

व्यवसाय, धार्मिक कट्टरपंथि, नर्तक,  शराब का व्यापारी आदि विषयोंमें रूचि रखनेवाले हो सकते है.


17 अनुराधा


नक्षत्र- अनुराधा, नक्षत्र देवता- मित्र , नक्षत्र स्वामी- शनि, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- नागकेशर, नक्षत्र पर्याय वृक्ष-  बकुल ( 

मोलसिरि), नक्षत्र चरणाक्षर- ना,नि,नू,ने .  नक्षत्र प्राणी- हिरन ,  नक्षत्र तत्व- पृथ्वी ,  नक्षत्र स्वभाव- सत्व ,   नक्षत्र

 गण- देव जन्म नक्षत्रफल:-   जो अनुराधा नक्षत्र में जन्म लेता है वह धनवान, विदेश वासी या विदेश से लगाव 

रहनेवाला, अधिक भूक से बाधित, और सदा घूमनेवाला, प्रयाणप्रिय !   नक्षत्र से जुड़े व्यवसाय :-  कलाकार, 

संगीतकार, व्यवसाय प्रबंधन, पर्यटन उद्योग, दंत चिकित्सक, आपराधिक वकील, खनन इंजीनियर, वैज्ञानिक, 

सांख्यिकीविद्, गणितज्ञ, मानसिक माध्यम, ज्योतिषि, जासूस, फोटोग्राफर, सिनेमा, उद्योगपति, सलाहकार, 

मनोवैज्ञानिक, खोजकर्ता, राजनयिक, विदेशी देशों से जुड़े व्यवसाय समूह की गतिविधि संगठन / संस्था के 

कार्यकारी.


18 जेष्ठा


नक्षत्र- जेष्ठा, नक्षत्र देवता- इंद्र, नक्षत्र स्वामी- बुध,  नक्षत्र आराध्य वृक्ष- सांबर ( खजूर) ,  नक्षत्र पर्याय वृक्ष- बेतस, 

नक्षत्र चरणाक्षर- नो,या,यी,यु .  नक्षत्र प्राणी- हिरन ,  नक्षत्र तत्व- पृथ्वी, नक्षत्र स्वभाव- तम, नक्षत्र गण- राक्षस. जन्म 

नक्षत्रफल:-  मित्रों की संख्या कम रहनेवाला , अर्थात कम-कम से मित्रता करनेवाला, सदा आनंद से परिपूर्ण, धर्म 

मार्ग से चलनेवाला, और गरम मिजाजवाला.नक्षत्र से जुडी वृत्तियाँ :-  संगीतकार, सैन्य नेता, राजनेता, पुलिस 

जासूस, इंजीनियर, प्रबंधक, दार्शनिक, बुद्धिजीवी, स्वरोजगार, सरकारी अधिकारि, प्रशासनिक पद, पत्रकार, 

रेडियो और टीवी कमेंटेटर, टॉक शो होस्ट, अभिनेता,फायरब्रिगेड, माफिया, वन रेंजर, साल्वेशन आर्मी के साथ 

व्यवसाय, शारीरिक श्रम, एथलीट, हवाई यातायात नियंत्रण, रडार, सर्जन.


19 मूळ


नक्षत्र- मूळ, नक्षत्र देवता- निॠति (राक्षस),  नक्षत्र स्वामी- केतु, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- राळ, नक्षत्र पर्याय वृक्ष- बबूल, 

नक्षत्र चरणाक्षर- ये,यो,भा,भी .  नक्षत्र प्राणी- कुत्ता ,  नक्षत्र तत्व- जल,  नक्षत्र स्वभाव- तम,  नक्षत्र गण- राक्षस. जन्म 

नक्षत्रफल:-  धनवान सम्मानित सुखी मनुष्य, परजन हिंसा से बाधित , स्थिर स्वभाववाला और सुख का अनुभाग 

लेनेवाला. नक्षत्र से जुडी वृत्ति :-  व्यापार, बिक्री, डॉक्टर, फार्मासिस्ट, दार्शनिक, सार्वजनिक वक्ता, विवादकर्ता, 

प्रचारक, लेखक, वकील, जनेता, आध्यात्मिक शिक्षक, चिकित्सक, औषधि माहिर, दंत चिकित्सक, दवा पुरुष,  

मनोचिकित्सक, संन्यासि, पुलिस अधिकारि, जांचकर्ता, सैनिक, आनुवंशिक शोधकर्ता, खगोल विज्ञानी , ताबूत 

बनानेवाला, रॉक संगीतकार, तांत्रिक अध्ययन, खनन उद्योग, विनाशकारी गतिविधि से संबंधित.


20 पूर्वाषाढा


नक्षत्र- पूर्वाषाढा,  नक्षत्र देवता- जल, नक्षत्र स्वामी- शुक्र, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- वेत, नक्षत्र पर्याय वृक्ष- गिलोयनक्षत्र 

चरणाक्षर- भू,ध,प,ढ. नक्षत्र प्राणी- वानर,  नक्षत्र तत्व- जल ,  नक्षत्र स्वभाव- रज,  नक्षत्र गण- मनुष्य .जन्म 

नक्षत्रफल:-  सुन्दर-सुशिल सदा आनंद में रहनेवाली स्त्री का पति , अर्थात मनचाही पत्नी के साथ रहनेवाला, 

सम्मानित और अचल स्नेह-दया से परिपूर्ण. नक्षत्र से जुड़े कार्य:-  नेता, वकील, सार्वजनिक वक्ता, प्रेरक वक्ता, 

लेखक, अभिनेता, कलाकार, मनोरंजन, कवि, शिक्षक, पर्यटन उद्योग, विदेशी व्यापारि, शिपिंग उद्योग, नौसेना 

अधिकारी, समुद्री विशेषज्ञ, मत्स्य उद्योग, मनोचिकित्सक, कच्चे माल का उद्योग, पानी औरतरल पदार्थ से 

सम्बंधित  व्यवसाय, रिफाइनर, युद्ध रणनीतिकार, कॉस्ट्यूम डिजाइनर, हेयर स्टाइलिस्ट, वैद्यों के लिए करना.


21 उत्तराषाढा


नक्षत्र- उत्तराषाढा,  नक्षत्र देवता- विश्वदेव, नक्षत्र स्वामी- रवि, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- कटहल,  नक्षत्र पर्याय वृक्ष- 

कांचन, नक्षत्र चरणाक्षर- भे, भो,जा,जी,   नक्षत्र प्राणी- मुंगुस,  नक्षत्र तत्व- पृथ्वी, नक्षत्र स्वभाव- स्थिर नक्षत्र गण- 

मनुष्य. जन्म नक्षत्र फल :-  धार्मिक देवभक्त, विनय गुण से संपन्न,भारी मात्रा में मित्र और अपने लोगोंमे रहनेवाला, 

कृतज्ञ और सुन्दर दिखनेवाले होते है.नक्षत्र से जुड़े व्यापार;- बड़ी जिम्मेदारी और नैतिक प्रकृति, से सम्बंधित, 

वैज्ञानिक, सैन्य कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, सरकारी कर्मचारी, प्रचारक, पुजारि, सलाहकार, ज्योतिषि, 

वकील, न्यायाधीश, मनोवैज्ञानिक, घोड़े का व्यवसाय, खोजकर्ता, पहलवान, एथलीट, शिकारी, मुक्केबाज, व्यापार 

के अधिकारि के व्यवसाय , प्राधिकरण के आंकड़ों का व्यवसाय, सुरक्षा कर्मि, समग्र चिकित्सक.


22 श्रवण


नक्षत्र- श्रवण, नक्षत्र देवता- विष्णु, नक्षत्र स्वामी- चंद्र,  नक्षत्र आराध्य वृक्ष- अर्क ,( दूधिया पौधा)  नक्षत्र पर्याय वृक्ष- 

आम ,नक्षत्र चरणाक्षर- शी,शू,शे,शो.  नक्षत्र प्राणी- वानर,  नक्षत्र तत्व- पृथ्वी, नक्षत्र स्वभाव- चर,  नक्षत्र गण- देव. 

जन्म नक्षत्रफल:-  धनवान हर तरह के आनंद से परिपूर्ण , वेद-शास्त्र का ज्ञाता, बड़े दिलवाला ,अपने परिवार जन

 के साथ प्रेम से रहनेवाला और प्रसिद्ध व्यक्ति कहलानेवाला ! नक्षत्र से जुड़े कार्य:- शिक्षक, भाषाविद्, भाषण 

चिकित्सक, भाषा अनुवादक, कथाकार  धार्मिक विद्वान, शिक्षक, नेता, शोधकर्ता, भूविज्ञानी, टेलीफोन ऑपरेटर, 

प्राचीन परंपरा का शोधकर्ता, हास्य अभिनेता, संगीत उद्योग, समाचार प्रसारक, टॉक शो होस्ट, सलाहकार, 

मनोचिकित्सकों के संरक्षण, मनोवैज्ञानिक, ज्योतिषि,रेडियो ऑपरेटर, परिवहन, पर्यटन, होटल और रेस्तरां उद्योग, 

चिकित्सक, समग्र चिकित्सा, दान कार्यकर्ता.


23 धनिष्ठा


नक्षत्र- धनिष्ठा, नक्षत्र देवता- वसु, नक्षत्र स्वामी- मंगळ, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- शमी, नक्षत्र पर्याय वृक्ष- नीमनक्षत्र 

चरणाक्षर- गा,गी,गू,गे.  नक्षत्र प्राणी- सिंह,  नक्षत्र तत्व- पृथ्वी, नक्षत्र स्वभाव- शुभ , नक्षत्र गण- राक्षस.जन्म 

नक्षत्रफल:- दान-धर्म करनेवाला, शूरता से धन कमानेवाला परंतु लोभी अर्थात  अनुभोग की अपेक्षा करनेवाला, 

संगीत प्रेमी और धनवान कहलानेवाला होगा ! नक्षत्र से जुडी वृत्ति:-  संगीतकार, नर्तकी, कलाकार, डॉक्टर, सर्जन, 

रियल एस्टेट एजेंट, संपत्ति प्रबंधन, वैज्ञानिक, शोधकर्ता, भौतिक विज्ञानी, इंजीनियरिंग, खनन, धर्मार्थ कार्यकारी , 

कवि, मनोरंजन, व्यापार, गीतकार, संगीत वाद्ययंत्र, गायक, मणि डीलर के निर्माता, एथलीट, समूह समन्वयक, 

ज्योतिषि, समग्र चिकित्सक.


24 शततारका


नक्षत्र- शततारका, नक्षत्र देवता- वरुण, नक्षत्र स्वामी- राहु, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- कदंब, नक्षत्र पर्याय वृक्ष-

 आपटानक्षत्र प्राणी- घोडा, नक्षत्र तत्व- जल, नक्षत्र स्वभाव- चर, नक्षत्र चरणाक्षर- गो,सा,सी,सू.  नक्षत्र गण- राक्षस. 

जन्म नक्षत्रफल:-  स्पष्टतासे सामने से बोलनेवाला, अच्छे-बुरे आदत से पीड़ित, अपने धैर्य से शत्रु का संहार  

करनेवाला अर्थात शत्रु पर विजय प्राप्त करनेवाला और किसी के हाथ नहीं आने वाला.नक्षत्र से संबंधित व्यवसाय:- 

चिकित्सक, सर्जन, एक्स-रे तकनीशियन, खगोल विज्ञानी, ज्योतिषि, इंजीनियर, वैमानिकी, अंतरिक्ष इंजीनियर, 

पायलट, परमाणु विज्ञानि, शोधकर्ता, बिजली, लेखक, सचिव, फिल्म और टेलीविजन, दवा, जड़ी बूटियों का कार्य 

कर्ता, ड्रग डीलर, अपशिष्ट निपटान, प्लास्टिक और पेट्रोलियम, ऑटोमोबाइल उद्योग, अन्वेषक.


25 पुर्वाभाद्रपदा


नक्षत्र- पुर्वाभाद्रपदा, नक्षत्र देवता- अजैक चरण, नक्षत्र स्वामी- गुरू, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- आम , नक्षत्र पर्याय वृक्ष- 

हिरडा, नक्षत्र चरणाक्षर- से,सो,दा,दी.  नक्षत्र प्राणी- सिंह, नक्षत्र तत्व- अग्नी, नक्षत्र स्वभाव- सत्व नक्षत्र गण- मनुष्य. 

जन्म नक्षत्रफल:- दुःख से चिंतित रहनेवाला, स्त्रीवश, धनिक, दान देने में समर्थ कहलानेवाला और दान-धर्म 

करनेवाला कहलाएगा. नक्षत्र से जुडी वृत्तियां:- व्यापार, प्रशासन, संख्याकोविद ,ज्योतिषी, पुजारी, तपस्वी, ताबूत 

निर्माताओं, कब्रिस्तान के रखवाले, सर्जन, चिकित्सक, मनोचिकित्सक, कट्टरपंथि, कण, हॉरर या रहस्य

कहानिकार, हथियार निर्माता, काला जादू, चमड़ा उद्योग के लेखक, हत्या जासूस, धातु उद्योग, आग, विषाक्त 

पदार्थों का व्यवसाय.


26 उत्तराभाद्रपदा


नक्षत्र- उत्तराभाद्रपदा,  नक्षत्र देवता- अहिर्बुधन्य, नक्षत्र स्वामी- शनि, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- नीमनक्षत्र पर्याय वृक्ष- 

आमला ,  नक्षत्र चरणाक्षर-,  नक्षत्र प्राणी- गाय, नक्षत्र तत्व- जल, नक्षत्र गण-  मनुष्य,  नक्षत्र स्वभाव- रज.जन्म 

नक्षत्रफल:-  जिनका जन्म इस नक्षत्र में होता है वह व्यक्ति अधिक बोलनेवाले,सुखी, शत्रुपर विजय प्राप्त करनेवाले 

होंगे तथा धर्म पर निष्ठा रखकर  अपने पुत्र ,परिवार के साथ आनंद से रहेंगे. नक्षत्र से जुड़े व्यवसाय:-  दार्शनिक, 

लेखक, शिक्षक, धर्मार्थ कार्य, आयात या निर्यात काम, पर्यटन उद्योग, धार्मिक कार्य, ज्योतिषि, योग और ध्यान के 

विशेषज्ञ, परामर्शदाता, चिकित्सक, आरोग्य, तांत्रिक व्यवसायी, साधु, संगीतकार, रात का चौकीदार, इतिहासकार, 

पुस्तकालय, विरासत पर रहने वाले लोगों के साथ रहना इत्यादि.


27 रेवती


नक्षत्र- रेवती, नक्षत्र देवता- पूषा, नक्षत्र स्वामी- बुध, नक्षत्र आराध्य वृक्ष- मोह ( मधुक ), नक्षत्र पर्याय वृक्ष- जेष्ठमध या 

इमली ,  नक्षत्र चरणाक्षर- दे,दो,चा,चि, नक्षत्र प्राणी- हाथी ,  नक्षत्र तत्व- जल नक्षत्र स्वभाव- मृदु  नक्षत्र गण- देव. 

जन्म नक्षत्रफल:-  सदा साफ सुतरा रहना पसंद करनेवाले, धैर्य और शौर्यता को प्रदर्शन करनेवाले धनि बनेंगे

 इनका शरीर भी मजबूत होगा.नक्षत्र से जुडी वृत्तियाँ:-  धर्मार्थ कार्य, शहरी योजनाकार, सरकारी कर्मचारि, 

मनोविज्ञान, रहस्यमय या धार्मिक कार्य, कृत्रिम निद्रावस्था में लानेवाला, ट्रैवल एजेंट, विमान परिचारिका, पत्रकार, 

संपादक, प्रकाशक, अभिनेता, हास्य कलाकार, राजनेता, चित्रकार, संगीतकार, मनोरंजन, भाषाविद्, 

जादूगर,सड़क योजनाकार, ज्योतिषि, प्रबंधक, रत्न डीलर, शिपिंग उद्योग, अनाथालय या पालक की देखभाल,  

ड्राइविंग व्यवसाय, हवाई यातायात नियंत्रण, यातायात पुलिस, प्रकाश घर के काम से सम्बंधित हो सकते है.



19/06/2023

आठवें घर में विभिन्न ग्रहों के कारण होने वाले रोग

             

आठवें घर में विभिन्न ग्रहों के कारण होने वाले रोग


सूर्य आठवें भाव में 

तेज बुखार, नेत्र दृष्टि दोष, मूत्र पथ के संक्रमण का कारण बनता है। धड़कन और माइग्रेन अष्टम भाव में सूर्य स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल भी वांछनीय नहीं है।


चन्द्रमा अष्टम भाव में 

आठवें घर में, चंद्रमा मानसिक तनाव का कारण बनता है,क्योंकि वह मानस पर शासन करता है
(मनो मथारो शीतलाश्मी)। आम तौर पर अच्छे स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं, लूना दस्त का कारण बन सकता है।

मंगल आठवें भाव में 

ट्यूमर, फोड़ा, दुर्घटना, ऑपरेशन सब मंगल के कारण होता है। वह सर्जरी का ग्रह है।
चन्द्र के साथ युति होने पर मानसिक विपथन भी होता है। आठवां मंगल जातक को अति कामुक बनाता है।

उत्तरी नोड -
 
छाले इसी छाया ग्रह के कारण होते हैं। आठवां राहु अत्यधिक मानसिक तनाव पैदा कर सकता है,

 क्योंकि वह मानसिक शांति को सर्वोच्च शासन करने की अनुमति नहीं देगा। महिलाओं के लिए, वह असंगति पैदा करेगा
जीवनसाथी के साथ मनमुटाव और कभी-कभी विधवापन।


गुरु आठवें भाव में -

 हालांकि वह मृत्यु के घर में सबसे कम हानिकारक ग्रह है, यह कारण बनता है
अग्नाशय के रोग और पीलिया। वह भाग्य और शाही जीवन दे सकता है, लेकिन नींद की बीमारी,पित्ताशय की बीमारी भी हो जाती है।


शनि आठवें भाव में

 दीर्घायु के लिए प्रशंसा की जाती है (अष्टमस्थे सानी इस्ता थस्याल)। लेकिन एक लंबे पीड़ित जीवन का संकेत दिया गया है,
 क्योंकि शनि अपार दु:ख दे सकता है। इन सबसे दूर होने की तड़प होगी। पक्षाघात
 और इस उदास ग्रह के कारण होने वाले ट्यूमर जीर्ण हो जाते हैं।

मृत्यु के घर में बुध
 
पक्षाघात और स्नायु रोगों का कारण बनता है। एक लाभकारी सिद्धांत के कारण दीर्घायु हो सकती है अष्टम भाव में स्थित होने पर दीर्घायु की वृद्धि होती है, लेकिन कमजोर संविधान प्रदान किया जाता है।

आठवें में दक्षिण नोड
 
अल्सर और दुर्घटना का कारण बनता है। मानसिक उतार-चढ़ाव, जीवनसाथी से झगड़ा, के क्षेत्र में ऑपरेशन यौन अंग। दर्द और परेशानी का कारण बनता है। चंद्र के साथ हो तो आत्मघाती प्रवृत्ति।

शुक्र आठवें भाव में
 
यौन कमजोरी और मधुमेह का कारण बनता है। मूत्राशय के रोग और मानसिक के कारण हीन भावना
उतार-चढ़ाव। भले ही मृत्यु के घर में शुक्र को दीर्घायु, वित्तीय प्रदान करने के लिए प्रशंसा की जाती है
समृद्धि और सौभाग्य, वह स्वास्थ्य संबंधी खतरे दे सकता है




2023 Shani Vakri 17 जून राशि के अनुसार कैसा रहेगा परिवर्तन

                                        

                           राशि के अनुसार कैसा रहेगा परिवर्तन 



 १.मेष 

राशि से एकादश लाभ भाव में गोचर करते हुए वक्री शनिदेव आय के साधन तो बढ़ाएंगे ही कार्यक्षेत्र का विस्तार भी करेंगे। नए लोगों से मेलजोल बढ़ेगा। उच्चाधिकारियों से संबंध मजबूत होंगे किंतु परिवार के वरिष्ठ सदस्यों तथा बड़े भाइयों से मत भिन्नता रहेगी। संतान संबंधी चिंता परेशान कर सकती है। प्रेम संबंधी मामलों में भी उदासीनता रहेगी। प्रतियोगी छात्रों कोपरीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए और प्रयास करने होंगे।


२.वृषभ 


राशि से दशम कर्म भाव में गोचर करते हुए वक्री शनि कार्यक्षेत्र का विस्तार तो करेंगे किंतु अति व्यस्तता के कारण शारीरिक थकान का सामना भी करना पड़ेगा। माता-पिता के स्वास्थ्य के प्रति चिंतनशील रहें। योजनाओं को गोपनीय रखते हुए कार्य करेंगे तो अधिक सफल रहेंगे। किसी कारणवश कार्य संपन्न होने में थोड़ा समय लगे तो परेशान न हों। जमीन-जायदाद संबंधी विवाद हल होंगे। वाहन के क्रय का भी योग बन रहा है।

३.मिथुन 

राशि से नवम भाग्य भाव में गोचर करते हुए वक्री शनिदेव का फल शुभ ही रहेगा। धर्म और अध्यात्म के प्रति रुचि बढ़ेगी। लिए गए निर्णय और किए गए कार्यों की सराहना होगी। छोटे भाइयों से मतभेद बढ़ने न दें। धार्मिक ट्रस्टों तथा अनाथालय आदि में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे और दान-पुण्य करेंगे। माता-पिता से रिश्ते बिगड़ने न दें। यात्रा देशाटन का लाभ मिलेगा।विदेशी कंपनियों में सर्विस एवं नागरिकता के लिए प्रयास भी सफल रहेगा।


 ४.कर्क 


राशि से अष्टम आयु भाव में गोचर करते हुए वक्री शनिदेव का प्रभाव बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता। स्वास्थ्य के प्रति अति सावधान रहने की आवश्यकता है। कार्यक्षेत्र में भी षड्यंत्र का शिकार होने से बचें। पैतृक संपत्ति संबंधी विवाद गहरा सकता है। किसी भी तरह केझगड़े-विवाद को कोर्ट कचहरी से बाहर ही सुलझा लेना समझदारी रहेगी। आपके अपने ही लोग नीचा दिखाने की कोशिश कर सकते हैं सावधान रहें।


५.सिंह 


राशि से सप्तम दांपत्य भाव में गोचर करते हुए वक्री शनिदेव वैवाहिक वार्ता में थोड़ा और विलंब लाएंगे। ससुराल पक्ष से रिश्ते बिगड़ने न दें। साझा व्यापार करने से दूर रहें। केंद्र अथवा राज्य सरकार के विभागों में प्रतीक्षित कार्यों में थोड़ा और विलंब होगा। इस अवधि में आपके धैर्य और संयम की परम आवश्यकता है। विवादों से दूर रहें और कोर्ट-कचहरी से संबंधित मामले भी बाहर ही सुलझाएं। स्वास्थ्य विशेषकर के जोड़ों में दर्द से सावधान रहें।


६.कन्या 


राशि से छठे शत्रु भाव में गोचर करते हुए वक्री शनिदेव का प्रभाव आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है।कोई भी बड़े से बड़ा कार्य आरंभ करना चाहें, नया व्यापार करना चाहें अथवा किसी नए अनुबंध पर हस्ताक्षरकरना चाहें तो यह अवसर उत्तम रहेगा। ननिहाल पक्ष से किसी अप्रिय समाचार का सामना करना पड़ सकता है।कष्टकारक यात्रा भी करनी पड़ सकती है। इस अवधि के मध्य अधिक कर्ज के लेन-देन से बचें।


७.तुला 


राशि से पंचम विद्या भावमें गोचर करते हुए वक्री शनिदेव का प्रभाव काफी मिलाजुला रहेगा। कार्य व्यापार की दृष्टि से तो समय उत्तम रहेगा किंतु प्रेमसंबंधी मामलों में उदासीनता रहेगी। प्रेम विवाह में भी अड़चन आ सकती हैं। विद्यार्थियों एवं प्रतियोगिता में बैठने वाले छात्रों को परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए और प्रयास करने होंगे। परिवार के वरिष्ठ सदस्यों तथा बड़े भाइयों से मतभेद बनने न दें। शीर्ष नेतृत्व से भी सहयोग के योग हैं।


८.वृश्चिक 


राशि चतुर्थ सुख भाव में गोचर करते हुए वक्री शनिदेव मित्रों तथा संबंधियों से अप्रिय समाचार का सामना करवा सकते हैं। जो कार्य सहजता से हो जाने चाहिए थे उसमें थोड़ा और संघर्स तथा विलंब होगा। यात्रा सावधानीपूर्वक करें। सामान चोरी होने से बचाएं। जमीन जायदाद से जुड़े मामले हल होंगे। माता-पिता के स्वास्थ्य के प्रति चिंतनशील रहें। सरकारी टेंडर के लिए आवेदन करना हो तो उस दृष्टि से भी ग्रह-गोचर अपेक्षाकृत बेहतर रहेगा।



९.धनु 


राशि से तृतीय पराक्रम भाव में गोचर करते हुए वक्री शनिदेव बेहतरीन सफलता दिलाएंगे। साहस पराक्रम की वृद्धि तो होगी ही लिए गए निर्णय और किए गए कार्यों की सराहना होगी। अपनी ऊर्जाशक्ति के बलपर कठिन परिस्थितियों परभी आसानी से नियंत्रण पा लेंगे। आध्यात्मिक विकास होगा। विदेश यात्रा का भी योग बनेगा। किसी दूसरे देश के लिए वीजा आदि का आवेदन करना हो तो उस दृष्टि से भी ग्रह गोचर अनुकूल रहेगा।


१०.मकर 


राशि से द्वितीय धन भाव में गोचर करते हुए वक्री शनिदेव कई तरह के अप्रत्याशित आर्थिक लाभ दिला सकते हैं।काफी दिनों का दिया गया धन भी वापस मिलने की उम्मीद। व्यापारिक पक्ष मजबूत रहेगा किंतु कहीं न कहीं पारिवारिककलह और मानसिक अशांति का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य विशेष करके दाहिनी आंख से संबंधित समस्या से सावधान रहें।व्यर्थ विवादों से दूर ही रहें। संपत्ति संबंधी विवाद आपस में सुलझाएं।


११.कुंभ 


अपनी ही राशि में गोचर करते हुए वक्री शनिदेव सामान्य फल कारक ही रहेंगे। अत्यधिक खर्च के कारण आर्थिक तंगी कासामना करना पड़ सकता है। वैवाहिक वार्ता में थोड़ा और समय रहेगा किंतु कार्य व्यापार की दृष्टि से समय अपेक्षाकृत बेहतर रहेगा। किसी भी तरह के सरकारी टेंडर के लिए आवेदन करना चाह रहे हों तो उस दृष्टि से भी ग्रह-गोचर अनुकूल रहेगा। अपने आवेश को नियंत्रित रखते हुए कार्य करेंगे तो अधिक सफल रहेंगे।


१२.मीन 


राशि से बारहवें व्यय भाव में गोचर करते हुए वक्री शनि देव का प्रभाव बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता इसलिए हर कार्य तथा निर्णय बहुत सावधानी पूर्वक करने की आवश्यकता है। भावनाओं में बहकर लिया गया निर्णय नुकसानदेय सिद्ध होगा। यात्रा सावधानीपूर्वक करें। वाहन दुर्घटना से बचें। इस अवधि के मध्य किसी को भी अधिक धन भी उधार  के रूप में न दें अन्यथा वहां भी आर्थिक रूप से नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।





 







नक्षत्र - फल

                                                             नक्षत्र-- फल 1  अश्विनी नक्षत्र - अश्विनी , नक्षत्र देवता - अश्विनीकुमार , नक्ष...